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jyoti pal

Classics Children

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jyoti pal

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रक्षाबंधन

रक्षाबंधन

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बाजार में सुन्दर सुंदर हैं राखियां

खरीदने वाली सबकी बहने हों

हों सबके भाई

सबकी कलाई पर हों राखियां


लड़ाई हों चाहें कितनी आपस में

रक्षा बन्धन का इन्तजार हों

बाहर कितने भी हो नखरे

मन में दुआये हजार हों


भाईयों के मस्तिष्क पर भौहों के बीच

रोली अक्षत से तिलक हों

नेक तो बनता हैं, जब सुन्दर राखी 

और स्वादिष्ट मिष्ठान हों


वचन हो बहन भाई का एक दुसरे की रक्षा का

दीप से उज्ज्वल भविष्य की कामना हो

राखी हैं सुरक्षा कवच

इस पवित्र रिश्ते में बनी सदैव मिठास हों

 

चाँद सी बहने करती हैं प्रार्थना

भाई रहें सलामत

देश का बहुत बड़ा सितारा बनना ऐसे

कि जैसे सारे जहां में नाम तुम्हारा हों

चाहे रहे कितनी भी दूर रक्षाबंधन के पर्व पर

तुम हमेशा साथ हो।


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