पर क्या हम अपनी बेटियों को इतना मजबूत ,इतने इरादे के पक्के नहीं बना सकते की वो भी माँ दुर्गा ... पर क्या हम अपनी बेटियों को इतना मजबूत ,इतने इरादे के पक्के नहीं बना सकते ...
प्रेम जिंदगी का वो कवच है....जिसके साये में सारी नफ़रते... पिघलती रहतीं हैं शीशे की तरह प्रेम जिंदगी का वो कवच है....जिसके साये में सारी नफ़रते... पिघलती रहतीं हैं शीशे...
अपनी बिटिया का भविष्य, तुम्हें ही सजाना होगा। अपनी बिटिया का भविष्य, तुम्हें ही सजाना होगा।
उसके दर्द को अपनों सा हूँ समझता। उसके दर्द को अपनों सा हूँ समझता।
कोई मांग लेगा तुमसे तुम्हारा अंगूठा कोई मांग लेगा तुमसे तुम्हारा अंगूठा
एक दवा भी है एक रक्षा कवच भी है हमारा ये एकाकीपन एक दवा भी है एक रक्षा कवच भी है हमारा ये एकाकीपन