बेटी की प्रार्थना
बेटी की प्रार्थना
बेटा तुम्हारा सूरज सही,
मैं भी चांद बनके चमकूंगी मां
जब बेचैन हो जाओगी उसकी तपिश से,
मैं शीतल छांव फैलाऊंगी।
दिनभर की उलझनों से थक जाओगी जब,
मैं मीठी नींद सुलाऊंगी मां।
बिखरेगा घर का कोना -कोना जब,
मैं आकर घर को सवारूंगी मां।
मुझे भी दुनिया में आने दो मां
मत मारो मुझे गर्भ में, जीने दो मां।
अंधेरी रात में चांदनी का मूल्य,
तुम्हें ही समझना होगा।
मुझे गर्भ में और बाहर भी,
तुम्हें ही बचाना होगा।
मुझे अपनों से और गैरों से भी,
तुम्हें ही बचाना होगा।
मां होकर बेटी की रक्षा का फर्ज,
आज भी और कल भी,
तुम्हें ही निभाना होगा।
अपनी बिटिया का भविष्य,
तुम्हें ही सजाना होगा।