दिल मे उसके उठती है कसक पर सबको तो सिखाना है उसको सबक मत दो अपनी बेटियों को ये शादी का श्राप उड़ने... दिल मे उसके उठती है कसक पर सबको तो सिखाना है उसको सबक मत दो अपनी बेटियों को ये...
स्वतंत्र हो सृजन स्वामीनी धरती का शृंगार सुगंधित फूल सी कोमल अंगभंगिमा स्वतंत्र हो सृजन स्वामीनी धरती का शृंगार सुगंधित फूल सी कोमल अंगभंगिमा
समय है सुधार जाओ वरना ये सोच कहीं न कर जाए इस सृष्टि को खामोश! समय है सुधार जाओ वरना ये सोच कहीं न कर जाए इस सृष्टि को खामोश!
तब सचमुच आवश्यकता नही रहेगी भारत में एक दिन महिला दिवस मनाने की! तब सचमुच आवश्यकता नही रहेगी भारत में एक दिन महिला दिवस मनाने की!
गरीब की ग़रीबी कौन देखना चाहता है ? गरीब की ग़रीबी कौन देखना चाहता है ?
पटाखों के धुएँ और धूल के गुबार में कही गुम होते जाते धुआँ धुआँ होते देखा अपने सपनो को|| पटाखों के धुएँ और धूल के गुबार में कही गुम होते जाते धुआँ धुआँ होते देखा...