दिल बेकरार
दिल बेकरार
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तुझे मिलने की ख्वाहिश से,
दिल में बेचैनी छा जाती है,
खुद को मैं रोक पाता नहीं,
मन तेरे इश्क में डूब जाता है।
तुझ को ख्वाबों में देखकर मेरे,
दिल की तड़प बढ़ जाती है,
दिल को मैं संभल पाता नहीं,
मन तेरे इश्क में डूब जाता है।
तेरा निखरता यौवन मुझ को,
हरपल मदहोश बना देता है,
तेरे यौवन की सरिता में बहकर,
मन तेरे इश्क में डूब जाता है।
तुझे दिल में बसाने के लिये,
दिल बेकरार बन जाता है,
तू ही मेरी मल्लिका है "मुरली",
मन तेरे इश्क में डूब जाता है।