ध्यान और दुनिया
ध्यान और दुनिया
ध्यान कहे सारी दुनिया जिसे योग सारी
मेरी नजर में सब की गयी अक्ल है मारी
ध्यान है साधना अपने धर्म की रक्षा की
ध्यान है कर्तव्य अपने परिवार को खुशहाल बनाना की
ध्यान है कसम हर मजलूम को बचाने की
ध्यान है आवाज जुल्म के खिलाफ उठाने की
ध्यान है नफरत हर देश के गद्दार को देश से भगाने की
ध्यान है नींद में सोये हुए प्रशासन को जगाने की
ध्यान है ज्वाला ऐसी जो समाज की मां बहन औरतों को वहसी दरिंदों से बचाने की
ध्यान नहीं है जो होता देख किसी की बहादुरी दिख
ाने विडियो बनाने की
ध्यान नहीं है अत्याचार होता देख कायर कि तरह दुम दबा कर भाग जाने की
ध्यान नहीं है नेताओं के लालच में आकर पुरे समाज की बोली लगाने की
ध्यान नहीं है मस्ती करने की खातिर किसी जिव की बली चढाने की।।
मेरा ध्यान शायद सब से अलग है क्योंकि मैं क्रांतिकारी
विचार रखता हूं दोगलापन नहीं आता मुझे। दुनिया को
दिखाने और खुश रखने के लिए गलत नहीं बर्दास्त कर सकता हूं।
किसी की भावना को ठेस ना पहुँचे ख्याल रखिये,
विडियो बनाने मोबाइल नहीं आवाज उठाना सिखिये।