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इमरान खान

Romance

4  

इमरान खान

Romance

बादल का शहर

बादल का शहर

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बादल का शहर कोई नया शहर नहीं है,

वो तो उतना ही पुराना है,

जितना बारिश की पहली बूँद।

पहली बूँद प्रेम की बूँद होती है,

वे उतनी ही गाढ़ी होती है,

जितनी प्रेम की पहली बूँद।

जो बीती रात बारिश में भीग कर भी 

तुम्हारे माथे से नहीं हटी,

शायद वहाँ बचपन की चोट का एक तालाब अब भी हो 

जो अब भी है वहाँ

उस पर पहली चुम्बन के निशान।


जो जाड़ों की जकड़न 

से ताप लेती हुई,

ज़मीन से सो फीट उपर उठती है।

और बारिश फिर बारिश,

भीगना सिर्फ़ भीगना,

होंठों के दरम्यान

अंजीर और बबूल की तरह,

भीगते है मैं और तुम 

और रात रानी के फूल।


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