प्रेम
प्रेम
दुनिया मे किसी को नफरत् करना नहीं
सबको प्रेम करो किसी को धोखा देना नहीं
सूरत देख कर प्रेम करना नहीं
मासूम दिल को कभी चोट देना नहीं
जो तुम्हें दिल दिया है उसका विश्वास तोड़ना नहीं
किसी को कभी कड़वी बात कहना नहीं
तुम्हें कोई प्रेम करें या ना करे दुःख करना नहीं
प्रेम की खजाना को कभी दिल मे कम करना नहीं
स्वार्थ रखके किसी को प्रेम करना नहीं
प्रेम देना सबको आंसू कभी देना नहीं
प्रेम से इस्वर भी मिलते हैं भूल जाना नहीं
प्रेम से सेवा करो सभी को कस्ट कभी देना नहीं।