खिलखिलाती हसीन सुबह
खिलखिलाती हसीन सुबह
हर रात के बाद एक सुहानी सुबह आती है।
साथ में बहुत सारी बातें जाती है।
कभी कभी यादों की बारिश भी कर जाती है।
मन करता है यादों के पन्नों की बारिश में से एक पन्ना खोल कर
आपके समक्ष अपने दिल की बात कह जाती हूं।
क्या बताऊं आज तो मजा ही आ गया।
बहुत ही जोरदार खिलखिलाती सुबह थी।
हल्की हल्की धूप सूरज देवता चमक रहे थे ,
लाली अपनी बिखेर रहे थे।
बगिया में भी फूल खिले थे।
चिड़िया तोता मैना की बैठक जमी थी।
सबकी मनमोहक आवाजें मन को लुभा रही थी।
तभी पतिदेव जी की बनाई हुई मनमोहक सुगंध वाली चाय
जो खास हमारे लिए बनी थी हमको ललचा रही थी।।
आज के सुबह तो वाकई बहुत खास है बहुत खिलखिलाती है।
क्योंकि आज पतिदेव जी ने अपने हाथो से हमारे लिए चाय जो बनाई है और हमको प्यार से पिलाई है।
तो हम भी क्या कम थे हमने भी बदाम वाला गुड़ का हलवा
जो सर्दी के अंदर बहुत अच्छा लगता है।
सुबह का मजा डबल कर देता है वह बनाया
और उनको प्यार से खिला दिया।
वह भी खुश हम भी खुश और सुबह भी खुश।
चुस्कियां लेते हुए चाय पीने का आनंद ही कुछ और है जो आज हमने उठाया
वह इस तरह हमने खुशनुमा सुबह का आनंद भी ले लिया।
ऐसे ही रोज खिलखिलाती सुबह आती रहे और हमारा मन लुभाती रहे। और पतिदेव के हाथ की चाय रोज पिलाती रहें।तो मजा ही आता रहे।
और हमारा दिल लुभाता रहे

