अपने आपको फिर से वैसा ही पाता
अपने आपको फिर से वैसा ही पाता
जब मिले थे, तुम हम पहली बार
मैं तो देखते रह गया था बार बार
नजरे हटाए नही हटती थी
और तुम नजरे झुकाए बैठी थी बार बार
हाय!वो समय और वो दिन था कैसा
हम भी थे नादान और तुम थी मासूम जैसा
वो समय और वो दिन दुबारा आ जाता
काश!अपने आपको फिर से वैसा ही पाता
मुझे याद है, वो तुम्हारी पलके झुकाना
चोर नजरो से मुझको देखना
मेरे बारे में मन ही मन समझने की कोशिश करना
दिल की एहसासों को दिल से समझना
समझकर दिल से ही मुझे समझाना
कितने मनमोहक थे वो पल
वो पल एक बार और आ जाता
काश ! अपने आपको फिर से वैसा ही पाता।
पहली बार जब तुम आई थी घर पे मेरे
मेरे हमसफर बनकर लेकर सात फेरे
सातों वचन निभाने का वादा किया हैं मैने
सातों वचन निभाने का वादा किया है तुमने
मेरे परिवार को अपना परिवार बनाया
मेरे किरदार को अपने में समाया
फिक्र करती हो मेरी
मुझे भी तुम्हारी फिक्र है होता
काश! अपने आपको फिर से वैसा ही पाता।
प्यारी सी रूप में आई थी तुम मेरे घर पर
अपने माता पिता का घर संसार छोड़कर
मेरे माता पिता को अपना माता पिता बनाया
मेरे घर द्वार को अपना घर द्वार बनाया
मुझ नालायक को लायक बनाया
तुम्हे देखने तुम्हारे घर फिर से जाता
काश! अपने आप को फिर से वैसे ही पाता।
तुम्हारी पहली छुवन आज भी याद है
मन में कितनी तरंगे उठ गई थी
दो आत्मा वाकई में एक हो गई थी
तुम्हारी पहली मधुर आवाज आज भी याद है
वो आवाज मेरे दिल में समा गई थी
मुझे याद है तुम्हारा चलना और चलने से
जो पायल की आवाज आई थी
हाय!मैं वो पायल बन जाता
काश!अपने आप को फिर से वैसे ही पाता।
आज भी तुम्हारा प्यार कम नहीं है
इस प्यार की ताउम्र सम्हाल कर रखना
जब तक मैं हु तब तक हमसफर बने रहना
दुनिया की कोई ताकत अलग नहीं कर सकती हमे
जब मिलती है फुरसत तो तुम्हे याद है कर लेता
काश ! अपने आप को फिर से वैसे ही पाता।
काश ! अपने आप को फिर से वैसे ही पाता।

