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कीर्ति त्यागी

Romance

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कीर्ति त्यागी

Romance

सिर्फ और सिर्फ हम दोनों के लिए

सिर्फ और सिर्फ हम दोनों के लिए

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जिंदगी की वफ़ा और दुआ है,, बस तेरे और तेरे लिए,

तू मेरी जिंदगी का वो अदद राज़ है, जिसे मैं चाहती हूं बस खुद के लिए,


दुनिया की इस भीड़ में खो जाना बहुत आसान है,

खोना है मुझे भी इस भीड़ में,, क्यों कि पता है तुम ढूंढ लाओगे मुझे मेरे लिए,


ये चांद की चमक और चांदनी की बहार,, संजो कर कब से रखी है बस तेरे लिए,

कि तू आए और खिल जाए चांदनी और चमक उठे चांद बस मेरे लिए,


उम्मीद के दीपक की लौ में अक्स छुपा है,, जो वो सिर्फ और सिर्फ है बस मेरे लिए,

इसलिए अंधेरी रात में अनगिनत दीये जलाकर रखें है तेरे लिए,


चांद आसमान पर चमक रहा है,, शायद उसकी मुस्कान भी है बस तेरे लिए,

वरना चांदनी का यूं इठलाना और तारों का टिमटिमाना होता सिर्फ मेरे लिए,


आज दिल नादानी करने पर उतारू है,, शायद ये भी बस तेरे लिए,

वरना दिल तो हमेशा खामोश ही रहा करता है,,बस मेरे लिए,


बारिश की बूंदें यूं गुनगुना रही है,, शायद उनमें भी राग है तेरे लिए,

पर उस राग की बहार तूने भेजी है,,बस और बस मेरे लिए,


कुछ शब्द मौन है,, कविता बनने को बैठें हैं तैयार,, सिर्फ और सिर्फ तेरे लिए,

पर क्या उस कविता में एक शब्द होगा मेरे लिए,


उम्मीद से बढ़कर खुशियां चाही है,,बस तेरे लिए,

वो खुशियां पूरी हो,,बस यही दुआ है तेरे लिए,


जो भी मेरा आज है,, हां वही सच है तेरे लिए,

गर‌ उठे एक कदम इस तरफ तेरा,,तो वो सिर्फ होगा मेरे लिए,


दिल समझना तो बहुत कुछ चाहता है,,पर नादानी करता है तेरे लिए,

मेरी जिद्द को अपनी खुशी बना लेता है तू,,बस मेरे लिए,


तुम लौट कर नहीं जाओगे,, हमेशा कहते हो पता है सिर्फ मेरे लिए,

पर मैं क्यों बांधूं तुम्हें बंधनों में,, जो नहीं बने हैं हम दोनो के लिए,


तुमसे करती हूं अनगिनत बातें,, तुम सब सुनते हो मेरे लिए,

एक बेचैनी सी होती है,, तुम चले भी जाओगे एक दिन खुद के लिए,


जिंदगी का खेल है,, शायद हम दोनो अंजान है,

पर सच्चे दोस्तों की दोस्ती तो हमेशा होती है एक दूजे के लिए,


अनगिनत कविताएं लिखती हूं,,बस तेरे लिए,

क्यों लिखती हूं,, तू समझ जाएं तो एक बार बता सिर्फ मेरे लिए,,


तुम कहते हो,, ये साथ यूं ही चलेगा हम दोनों के लिए,

पर हंसी सी आती है सुनकर,, तुम्हें नहीं पता ये दुनिया बड़ी ज़ालिम है सच्ची दोस्ती के लिए,,


पर एक सुकून सा रहता है मन में,,कि कोई है मेरी दोस्ती के लिए,

हां तू थोड़ा नासमझ है,,पर एडजस्ट कर‌ लूंगी हम दोनों के लिए,


हां सब कुछ संभाल कर रखा है बस तेरे लिए,,,,,,,,,,,,,



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