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कीर्ति त्यागी

Comedy Inspirational

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कीर्ति त्यागी

Comedy Inspirational

हिंदी से मुहब्बत

हिंदी से मुहब्बत

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हिंदी से मुहब्बत कुछ इस कदर हुई है,

पहले थी मैं नासमझ अब शिद्दतें समझदारी हुई है,

भागती दौड़ती जिंदगी में इंग्लिश की एंट्री कुछ इस कदर हुई है,


मां मोम और पिता की डैड जैसे शब्दों से अगवानी हुई है,

समझ नहीं आता हिंदी से क्या लाचारी हुई है,

या शायद बोलने वाले की जुबां तोतली हो गई है,

गुरु बिन ज्ञान नहीं अब तो बस व्यर्थ प्रतित होता है,


भाषा क्या बदली गुरू सर हो गया है,

भाषा तेरी अजब कहानी अब तो आनलाइन ने भी की अगवानी है,

मैसेज टाइप इंग्लिश में होते हैं और हिंदी को आग लगा दी है,

शादी की रस्मों का हाल न पूछो वो रस्में कहा छुप गई है,


इंगलिश ने पैर पसारकर काकटेल की ताजपोशी की है,

अजी अभी कहां चले पिक्चर अभी बाकी है

कोई मुझे बताएगा मां शब्द इंग्लिश में क्या कहलाएगा,

हिंदी हो या इंग्लिश वो बस मां ही समझ आएगा,

इंगलिश ने बहन को भी नहीं छोड़ा है सिस्टर से सिस्टा हुआ कैसी गजब ये माया है,


कोई न पूछो इंग्लिश ने कैसा नाज नचाया है,

पर कुछ भी कहो अपनी हिंदी ने विदेशों में भी परचम फहराया है,

मेरी आन बान शान मेरी मातृभाषा है,

आ जाओ कऱ इसका सम्मान मिलकर जिसने हम सबको एक सूत्र में बांधा है,


मेरी मातृभूमि मेरी पहचान है और‌ भाषा मेरी पहचान है,

हां मैं हिंदी मीडियम से पढ़ी हूं यही मेरी पहचान है,

कीजिए सम्मान हर रोज क्यों कि आप एक भारतीय है

पहला शब्द हिंदी का ही था बाद के शब्द आपकी लाचारी है।


जय हिन्द जय भारत

कभी कभी बस यूं ही

क्षमा कीजिएगा अगर किसी को ठेस पहुंचे तो ये मेरे विचार है ।


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