जादुई घोड़ा
जादुई घोड़ा
काश ! मेरे पास भी होता कोई जादुई घोड़ा
नीरस सी जिन्दगी में भी होता रोमांच थोड़ा
जब जी करता विश्व भ्रमण पर निकल जाते
कभी इटालियन कभी सी फूड का लुत्फ उठाते
स्वर्ग लोक में अप्सराओं के संग रोमांस करते
कम से कम बीवी के तानों से तो छुटकारा पा जाते
फिर ना मंहगाई की चिंता ना बॉस का डर होता
खा पीकर फिर निश्चिंत होकर तान खूंटी सोता
जितने भी भगोड़े देश छोड़कर भाग गए हैं
उन सबको यहां लाकर जेल में बंद करवा देता
अपराधियों को मौके पर ही उचित दंड दिलवाता
कोर्ट कचहरी के चक्करों से छुटकारा मिल जाता
सभी भ्रष्टाचारियों को उनके कृत्य का फल मिलता
झूठे मक्कार नेताओं की दुकान पर ताला लग जाता
मिलावटखोरों को मिलावटी सामान ही खिलाता
दारु के पैरोकारों को सिर्फ दारू ही पिलवाता
तब न लव जिहाद होता ना धर्म परिवर्तन का रोग
डॉक्टरों के लोभ लालच से भी बच जाते सब लोग
लूट खसूट की जगह अमन चैन का साम्राज्य होता
काश ! मेरे पास भी कोई एक जादुई घोड़ा होता।।

