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Pawanesh Thakurathi

Children Stories Comedy

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Pawanesh Thakurathi

Children Stories Comedy

जब मेढक ने पी मदिरा

जब मेढक ने पी मदिरा

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टर्र-टर्र टर्राने लगा

अपशब्द नये बकने लगा

कभी इधर तो, कभी उधर

बावरा लगने लगा


अब मस्ती में पागल होकर

अपना सब आपा खोकर

नाली में उल्टा गिरा। 

जब मेमढक ने पी मदिरा।


उतरा मुश्किल से जब बाहर

ध्यान आया अपना घर

जाने किसकी लगी बद्दुआ

जो श्वेत वर्ण अब श्याम हुआ

क्या करूँ, कहाँ जाऊँ

हाय राम मारेगी बुआ।


सोच ऐसा वह मेंढक

लेटा कमरे के भीतर

तभी लगाई फटकार उसके

पिता ने जल्दी आकर

किसी काम का नहीं है ये

नालायक बुद्धू सिरफिरा 

जब मेंढक ने पी मदिरा।


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