मज़ा खरीददारी का !
मज़ा खरीददारी का !
लेक्चर खत्म हुआ
फ्री पीरियड था
रानी और शिखा का !
रानी ने टिफिन खोला
शिखा ने केंटीन में
आॉर्डर दिया मेंदू वड़े का
और दो चाय
दोनों मिलकर खाने लगी।
खाते-खाते बतियाने लगी
इधर-उधर की
तमाम बातें होती रही
रानी बोली -
यार दिवाली आ रही है
क्या-क्या खरीदा ?
अरे खरीदा तो है बहुत कुछ
लेकिन मज़ा नहीं आया
ऐसा लगता है जैसे
कुछ नहीं खरीदा
क्यों-क्यों ?
ऐसा क्या हुआ
जो मज़ा नहीं आया ?
अरे मेरी जान
मज़ा तो तब आता है
जब पति का बटुआ
हलाल होता है
आज चलेगी तनिश्क ?
लेना है डायमंड सेट
वो तो बहुत महंगा होगा
हां होगा ना
पर पति का बटुआ जिंदाबाद
उन्हीं के बटुए से
लाई हूं क्रेडिट कार्ड
अब आएगा ढेर सारा मज़ा
खरीददारी का मुझको
ठीक है चलते हैं
आज तेरी शाॅपिंग कर लेंगे
कल फिर चलेंगे
मेरी शाॅपिंग के लिए
ओके जान !