महिलाओं का ए टी एम
महिलाओं का ए टी एम
सच तो यही है कि हम स्वयं ही,
लक्ष्मी का रूप होती हैं।
परन्तु पति की भी अपना बटुआ भरने में,
बहुत दौड़ धूप होती है।
यूँ तो हर चीज़ हम दोनों की है,
मिलजुलकर ही रहते हैं।
पर हमारे लिए ATM बन जाता है,
पति का बटुआ जिसे कहते हैं।
जिसे संचालित करने के लिए,
प्यार की भाषा का उपयोग सही रहता है।
जिसमे ज़रूरतों का अमाउंट बताकर,
कभी खाली हाथ लौटने का योग नहीं रहता है।
पासवर्ड तो हम अपनी,
अकड़ का भी चला लेते हैं!
हमारे लिए ATM है वो,
पति का बटुआ जिसे कहते हैं।