इश्क की प्यास
इश्क की प्यास
आदत से मैं मजबूर हूँ,
हर पल तुझ को चाहता हूँ,
भले ही तू मुझ से दूर हो,
मैं दिल से तुझे इश्क करता हूँ।
तेरे बिना जीवन सूना है मेरा,
तेरा ही इंतजार करता हूँ,
मिटा दो दूरी, आजा ओ पास मेरे,
मैं इश्क की प्यास मिटाना चाहता हूं।
बहुत तड़पा हूँ तेरे इश्क में,
दीवाना बनकर घूमता हूँ,
तेरे नाम का नारा लगाकर,
गली गली में भटकता हूँ ।
ऐसी भी क्या है तेरी मजबूरी,
क्यों मुझ से छुप कर रहती हो?
अगर तू मुझ को चाहती हो तो,
फ़िर दुनिया से क्यों डरती हो?
मन मेरा बेताब हुआ है,
तेरा मिलन मैं चाहता हूँ,
दिल में है तेरी तस्वीर "मुरली",
तेरे इश्क के बिना मैं अधूरा हूँ ।