Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Dhanjibhai gadhiya "murali"

Drama Romance Tragedy

4  

Dhanjibhai gadhiya "murali"

Drama Romance Tragedy

प्यार की दूरी

प्यार की दूरी

1 min
364


ऐसे मुंह मोड़कर न देखो मुझे सनम,

कभी तो तुम मुस्कुराया करो,

मैं कोई तुम्हारे लिये गैर नहीं हूँ सनम, 

प्यार से नज़र तुम मिलाया करो।


बार बार तुम मुझ से रूठती हो सनम,

कभी तो मेरी बात माना करो,

मेरे लिये प्यार की मूरत हो तुम सनम,

दिल से तुम महसूस किया करो।


गज़ब की है आदत तुम्हारी ये सनम,

बार बार मुझ से तुम रूठा न करो,

तुम्हें मनाकर मैं थक गया हूँ सनम,

प्यार की अहमियत को समझा करो।


क्यूं होती हो मुझ से नाराज़ तुम सनम? 

मेरी कसूर भी तुम बताया करो,

कबूल कर लूंगा मैं कसूर मेरी सनम,

मुझ पर एतबार तुम किया करो।


छोड़कर गुस्सा लग जाओ गले सनम,

प्यार का ताल तुम मिलाया करो,

क्यूं रहती हो मुझ से दूर मेरी सनम? 

 "मुरली" के प्यार को तुम समझा करो।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama