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Dhanjibhai gadhiya "murali"

Drama Romance Tragedy

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Dhanjibhai gadhiya "murali"

Drama Romance Tragedy

इश्क की तड़प

इश्क की तड़प

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मुरझा गया है मेरे दिल का चमन,

वापस आजा ओ मेरे जीवन में।

न रहो अब मुझ से दूर सनम तुम,

आकर बस जाओ मेरे दिल में।


जब याद आती हे तुम्हारी मुझ को,

बेबस हो जाता हूँ दिन रात सनम मैं।

नाम तुम्हारा पुकार कर तुम को,

ढूंढ रहा हूँ शहर की गलियों में।


अब न सताओ और न तड़पाओ,

दीवाना बन गया हूँ तुम्हारे इश्क में।

न रहो अब मुझ से दूर सनम तुम,

आकर बस जाओ मेरे दिल में।


चाहता हूँ मैं सनम दिल से तुमको,

 क्या कसूर हुआ है इश्क में मेरा?

याद करता हूँ सनम हर पल तुमको,

इश्क में दिल धड़क रहा है मेरा।


इश्क का जाम पिलाऊंगा तुमको,

जाम का गहरा मैखाना हूँ सनम मैं।

न रहो अब मुझ से दूर "मुरली" तुम,

आकर बस जाओ मेरे दिल में।



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