प्यार की खातिर
प्यार की खातिर
तेरी पसंद को मेरी पसंद कहेना,
वो मेरी मज़बूरी है।
तेरी खुशीयों की खातिर मै,
हां में हां मिलाता हुं।
थक गया हुं तेरी आदतों से,
उसे अनदेखा मै करता हुं,
क्या करुं, कैसे समज़ाउं तूज़को,
तेरी खावाईशें मै पूरी करता हुं।
बेबस बना दिया है तुने मुज़को ,
दिलसे शकून नहीं पाता हुं,
कब तेरी आदतें सुधरेगी सनम,
कयामत की बाट मै देखता हुं।
धन दौलत से लूंटती हो मुज़को,
तेरे प्यारकी खातिर मै सहता हुं,
अब बहोत हो गया है ज़ानेमन,
तेरी आदतें भूलाना चाहता हुं।
सुधर जाओ मेरी प्यारी सनम तुम,
अब चैन से जिना मैं चाहता हुं,
बन जाओ प्यारी मल्लिका "मुरली" की,
तुझे दिल में बसाना मैं चाहता हूँ।