फौजी की कहानी
फौजी की कहानी
कैसे फौजी की कहानी लिखूं
थामा हाथ पल भर में
छोड़ चले जाते है
द्वार पर अपना इंतजार एक छोड़ जाते
कैसे एक मां के दर्द की इंतहा लिखूं
कैसे एक फौजी की कहानी लिखूं
वो हंसते हंसते शहीद हो जाते हैं
ना जानूँ कैसी ये आंखों में चमक
ना जानूँ कैसा ये आंखों में पानी लिखूं
कैसे लिखूं एक फौजी की कहानी
हाथ मेरे स्तब्ध हो जाते
भाव मेरे रुआंसे से
ना जाने इस कोरे कागज पर
उन पर क्या बीती
वो सुबह और वो शाम लिखूं
कैसे एक फौजी की कहानी लिखूं
ना जाने कौन सी गोली
पर नाम उनका हो
फिर भी तैनात वो सरहदों पर
कैसे उनका जज़्बा लिखूं
सीमांत पर ढलती उनकी जवानी लिखूं
कैसे फौजी की कहानी लिखूं
और कुछ नहीं बस
उनको अपना सलाम लिखूं
बस नतमस्तक होकर
उनका मैं अपना आभार लिखूं
कैसे एक फौजी की कहानी लिखूं।