२६ जनवरी
२६ जनवरी
आओ.... तुम से पूछती हूं,
बस एक ही सवाल...
हमारा तिरंगा क्यों
शान से लहराता है
क्यों हमारी आन, बान
और शान का
प्रतीक कहलाता है
यह जान लो, पहचान लो
शहीदों की सांसें
समाई है उसमें
और वह
शहीदों की सांसों से
शान से लहराता है
हर लहर में, हवा के संग
वीरों की गाथा सुनाता है
वो वीर सिपाही
थे अपने
जो अमर शहीद कहलाए हैं
इंकलाब जिंदाबाद
के गीत गाए हैं
आज़ादी का बिगुल सुनते ही
आज भी तिरंगे संग
मधुर धुन सुनाई देती है
शहादत से मिली थी आज़ादी
की गाथा दिखाई देती है
इसीलिए
बस एक बात दोहराता है
जब कभी हमारा तिरंगा
शान से लहराता है
शहीदों की छवि
दिखाई दे जाती है।
"
