STORYMIRROR

Dhanjibhai gadhiya "murali"

Drama Romance

4  

Dhanjibhai gadhiya "murali"

Drama Romance

इश्क की गज़ल

इश्क की गज़ल

1 min
424

आजा सनम पास मेरे,

मैं दिल की दूरी मिटा दूं, 

मेरे इश्क में तुझे डुबाकर,

तुझे इश्क की गज़ल सूना दूं।


मेरे ख्वाबों की मल्लिका है तू,

तुझ से मैं नज़र मिला दूं,

तेरी नज़र से घायल बनकर,

तुझे इश्क की गज़ल सूना दूं।


तेरी लहराती जुल्फों को मैं,

मोगरे के फूलों से सज़ा दूं,

मोगरे की महक में डूबकर,

तुझे इश्क की गज़ल सूना दूं।


तेरे होंठों के मधुर लफ्ज को,

मेरी कलम से गज़ल को सजा दूं,

तेरे यौवन में मदहोश होकर,

तुझे इश्क की गज़ल सूना दूं।


तू कयामत है मेरे खुदा की,

मेरे दिल में तुझ को बसा दूं,

दिल की धड़कन मिलाकर,

तुझे इश्क की गज़ल सूना दूं।


तेरे रुप का मैं हूँ दीवाना,

तुझे मेरी बांहों में समा दूं,

दिल से अपनाकर "मुरली",

तुझे इश्क की गज़ल सूना दूं।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama