हिम्मत
हिम्मत
हिम्मत रख! रास्ता कठिन है ,
डगर ऊंची नीची है।
रास्ते में कांटे भी है झाड़ भी हैं।
पथराई हुई आंखे, बोझल मन
दिल में दुखों का पहाड़ भी है।।
हिम्मत दिखा ! और चल दे,
झिझक बैचेनी को पांव तले मसल दे।
तूने सुना होगा अथक प्रयास से,
कछुआ भी खरगोश से जीत जाता है।
जैसे अच्छा वक्त हमेशा नही रहता,
बुरा वक्त भी बीत जाता है।।
हिम्मत दिखा ! तुझे खुद से जीतना होगा
आंसुओ से ही अपने सपनों को सींचना होगा
कठिनाई के अंधेरों में आशा का दीपक जलाकर
सूरज को रस्सी बांधकर खींचना होगा
तूने सुना होगा , अथक प्रयास से
बार बार गिरने के बाद , आख़िर मकड़ी जीत जाती है।
हौसले की हंसी से दुख की घड़ियां बीत जाती हैं।।
हिम्मत दिखा! अभी तुझे बहुत कुछ सहना है।
तुझे बढ़ना है! लबों को सीना है, उफ्फ नही कहना है।
घबरा जाना मत पीछे से लोगों की बाते सुनकर,
भौंकने वाले कुत्तों को तेरे पीछे ही रहना है।।
तूने सुना होगा , अथक प्रयास से
प्यासा कौआ आखिर पानी पीकर उड़ जाता है।
कुछ नया वही कर पाते हैं, जिनके जीवन में,
ये "हिम्मत" शब्द जुड़ जाता है ।।
