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Dr Ranjana Verma

Comedy

3  

Dr Ranjana Verma

Comedy

नेग

नेग

1 min
337


सुनते ही

भाभी के पांव भारी

नाच उठी ननद 

ओढ़ कर सतरंगी सारी।


दूसरे ही दिन

जा पहुँची 

भाई के घर

उसकी सलोनी मुस्कान

कर गयी

सबको परेशान।


सोचता भाई

बहुत है मंहगाई 

कैसे करूँगा

इसकी विदाई ?


न कर पाया यदि भरपूर 

तो टूटेगा गुरूर

होगी जग हँसाई

कहेगे लोग

कैसा कंजूस है भाई

जो नहीं करता 

बहन की आवभगत

सेवा सत्कार

नहीं निभा पाता

नेगाचार सहित

विदा का रिवाज़।


पर इस सबसे दूर

हुई बेफिक्र

लिपट गयी ननद

भाभी से

हँस कर बोली -

रहना तैयार

बेटा होगा इस बार

तो

जचगी के नेग में 

लूँगी कंगन चार।


भाभी ने कहा -

"और बेटी हुई तो ?"

"तो सौ सौ बार

जाऊँगी बलिहार।


लक्ष्मी आयेगी तुम्हारे द्वार

तो खुल कर करना 

सत्कार

ठुकराना मत 

भुलाना मत

कि करती है बेटी ही 

पूरे घर में

सुख का संचार 

वही तो होती है

घर का आधार।


देना उसे 

मेरे हिस्से का भी प्यार

यही होगा मेरा नेग

मेरा उपहार।


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