परमानेंट सर्वेंट
परमानेंट सर्वेंट
अपनी शादी का सपना लल्लूराम का ऐसा हो ,
कि उसके ससुरा के पास खूब सारा पैसा हो !
होनेवाली पत्नी का रूप मेनका के जैसा हो,
सरस्वती सा ज्ञान लक्ष्मी हो पास व पैसा हो !
लड़की माता पिता की इकलौती संतान हो ,
सोसाइटी में पोज़िशन हो मान सम्मान हो !
पढ़ीलिखी पत्नी मिली जो पास थी कॉन्वेन्ट ,
पति को समझती थी वो एक परमानेंट सर्वेंट !
बड़े बाप की बेटी से जो उसने किया विवाह ,
कचुमर निकल गया उनका पूरा होते एक माह !
अब गले पड़ गई मुसीबत भला कैसे लल्लू उतारें ,
इधर उधर ना जाने किधर फिरते हैं अब मारे मारे !