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Surendra Yadav

Comedy Tragedy

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Surendra Yadav

Comedy Tragedy

क्यूं किसी को बेवफ़ा कहूं मैं

क्यूं किसी को बेवफ़ा कहूं मैं

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क्यूं किसी को बेवफ़ा कहूं मैं,

बेवफ़ा तो मेरी तक़दीर निकली।

जिसे मैंने मेरा संसार समझा,

वो किसी और की जागीर निकली।।


कोशिश भी बहुत की भुलाने की मगर,

कमबख्त हर फोल्डर से उसी की तस्वीर निकली।


सोचा कि प्रमानेंट नहीं टेनेंट तो बना ही लेगी,

लेकिन वहां तो वेटिंग की लंबी लिस्ट निकली।।


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