जज़्बात
जज़्बात
तेरा साथ नहीं तो ऐहसास ही सही, जो मेरी सांसों में मिल गया है।
तुम खुश हो मुझसे दूर रहकर कोई बात नहीं, तेरी ये मुस्कराहट मेरे जीने की वजह बन गया है।।
और जो तुम रूठ गई थी मुझसे कुछ पल के लिए, वो हर पल मेरे लिए एक खता बन गया है।
मैं नहीं भूल पता हूं वो एक पल भी जब हम साथ थे, बस तुम्हारी यादों में रहना ही अब अदा बन गया है।।
सोचता हूं कि हर रोज बात करूं तुम से, फिर से पास आने की फरियाद करूं तुम से।
लेकिन सहम सा जाता हूं याद करके वो दिन, जो तुमसे दूर होने की वजह बन गया है।।
बस इतनी सी दरख्वास्त है खुदा से मेरी, हो सके तो मिला दे मुझे मेरे इश्क से।
क्योंकि अब वो मेरे हर मर्ज की दवा बन गया है।।
