खुदा का शुक्र
खुदा का शुक्र
इत्तेफ़ाक से ही तुम मिले मुझे, खुदा का शुक्र करता हूं।
तुमसे मिलकर मैं तेरा हो गया, खुदा का शुक्र करता हूं।
लाख अर्जी की उस खुदा से मैंने, वो भी मेरी हो जाए।
शायद अर्जी कबूल हुई अब, खुदा का शुक्र करता हूं।।
अभी दरख्वास्त और भी है उस जमाने नूर से,
झूठी बंदिशें तोड़ कर वो आ जाए पास मेरे।

