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कीर्ति त्यागी

Inspirational

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कीर्ति त्यागी

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मेरी मातृभाषा

मेरी मातृभाषा

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किट्टू की कलम से


सुनो कुछ कहूं??


वो मां की लोरी,  

पापा की डांट,

भाई का फिक्रमंद व्यवहार,  

बहन का हर पल का साथ,,


सखियों संग मस्ती के अल्फाज़,  

वो छत पर तारों भरी रात,,


दादी की कहानियों का जादू,  

स्कूल के दिन और दोस्तों का साथ,, 


खिलखिलाती हंसी, मासूमियत का रंग,  

मिल जाती थीं खुशियां, नहीं कोई ग़म,,


वो अलसाई सुबह, चाय की प्याली,  

सपनों में खोई, एक दुनिया निराली,,


ये क्या था, कैसी थी इसकी शुरुआत,  

शायद अपनी मातृभाषा में था बेइंतहा प्यार,,


हिंदी दिवस की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं



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