मिसाइल मैन
मिसाइल मैन
15 अक्टूबर को हुआ था धरती पर आगमन
मिसाइल मैन की जन्म से
खुश हुआ था अंबर भी उस दिन
सामान्य परिवार में जन्मे थे वे
पर लगन और निष्ठा के धनी थे वे
माता पिता के परिश्रम द्वारा
सफलता की सीढ़ी चढ़े थे वे
मानवता की ज्ञान के लिए ही
उठाई थी उन्होंने तो किताब
अपने लक्ष्य की पूर्ति में लगे रहे वह दिन रात
समर्पण और अर्पण की भावना
भरी थी उनमें कूट-कूट कर
पैर टिकाए थे जमीन पर और
मन को उड़ाया आसमान पर
करते गए वह प्रयास निरंतर
देश को लाये प्रगति के पथ पर
जात पात से परे थे वे
सबके चहेते राष्ट्रपति थे वे
हर विद्यार्थी को प्रोत्साहित करते
उनमें आत्मविश्वास कूट-कूट कर भरते
इनकी किताबें और भाषण
देशवासियों को लाभान्वित करते
हर धर्म जिनके लिए था सामान
ऐसी थी उनकी सरल पहचान
गुणो की थे वो खान निराली
भारतीयों की थी शान निराली
विश्व में बिखेरी भारतीयों की मिसाल
देश नहीं विदेशों में भी जिनके
नाम की छवि की बेमिसाल
देश की सुरक्षा को दिया नया मुकाम
हर भारतीय कर रखा था उन्होंने विशेष ध्यान
किये गाए निरंतर प्रयास नहीं छोड़ी कि कोई आस
विफलताओं से कभी घबराएं नहीं वे
कार्य को साहस और हिम्मत से
पूरा करके दिखाए वही
देशभक्ति की आप ही अनूठी मिसाल
कलाम जी ने कर दिया ऐसा कमाल
मातृभूमि की ढाल थे आप बेमिसाल
मां भारती के सच्चे नायक को
नमन करते है हम साथ साथ।
