गोंडवाना की प्रथम महारानी
गोंडवाना की प्रथम महारानी
आओ सुनाऊं वीरांगनाओं की गाथा
रानी दुर्गावती का का नाम
जिसमें सबसे ऊपर है आता
त्याग बलिदान की थी वह मूरत
दुश्मन के लिए साक्षात भवानी की सूरत
चंदेल के राजा की लाडली पुत्री वो
गोडवाना राज्य की पहली महारानी वो
अष्टमी के दिन जन्मी थी वे
दुर्गावती का नाम पाई वे
बाल्यावस्था से ही वह तो
साहसी और बुद्धिमान थी
भाला,तलवार व धनुष बाण में
बालपन से ही प्रवीण थी
अपने प्राणों को दांव पर रखक
राज्य की रक्षा उन्होंने करी
पुत्र की मृत्यु होने पर भी
युद्ध में वह पीछे न हटी
इन्होंने ही तो रणभूमि में
तीन बार अकबर को हराया
अपने शौर्य व साहब के दम पर
दुश्मन सेना को मार गिराया
अपने राज्य की प्रजा के लिए
इन्होंने अनेकानेक कार्य करें
खुशहाली और धन से अपनी
प्रजा के थे भंडारे भरे
इन्होंने अपनी सूझबूझ से
गोंडवाना को प्रसिद्ध किया
इन्हीं के कार्यो ने दुश्मन को
इनके विरुद्ध क्रोधित था किया
युद्ध में घायल होने पर भी
हार नहीं ये मानी थी ये
अपने राज्य की रक्षा खातिर
अंत सांस तक लड़ी थी ये
इनकी वीरता का गुणगान करें हम
मिलकर अब इन्हें याद करें हम।
