ग़ज़ल
ग़ज़ल
नया जहान गढ़, ऊंची उड़ान भर
तू कर्मवीर है, अथक संघर्ष कर,
लक्ष्य बड़ा रख, प्रयास सघन कर
आगे बढ़, चुनौतियां स्वीकार कर,
सफर मुश्किल है, राह अनजान है
मिलेगी मंजिल, जरा धैर्य धर,
सिमट आएगा आकाश बाँहों में तेरी
खुद को मजबूत कर, हौसला बुलंद रख .
