पिता
पिता
उन आँखों में स्नेह दिखता
होंठों पे डांट का पिटारा
बातों में मार्ग दिखता
रास्तों पे सहारा
दिशा में उजाला दिखता
कठिनाइयों पे चलने का साहस
सदा हमें सचाई का पाठ पढ़ाते
ग़लत नहीं करना सिखाते
स्नेह से भरा उनका दिल
पर बाहर से कठोरता दिखाते
अश्रु आते भी तो दिल में छुपाते
हर दिन को आनंद से जियो यह बतलाते
डरो मत में यही हूँ तुम्हारे पास
मुश्किल आयी तो क्या हुआ
साथ मिलकर जीत जाएँगे यह दौड़
साथी बनकर हमें सादा राह दिखाते।
