जीत
जीत
ज़िंदगी से कितनी उम्मीद करते हम
चाहते छू ले आसमान को कुछ पलो में
करते रहे जीतने की कोशिश हम
पर जब जीत ज़िंदगी में थी
क़िस्मत ने भी साथ ना छोड़ा
पर वक्त से बड़ा ना कोई यह भी वक्त ने बताया
हमें था विश्वास अपने कर्मों पे
जो बुरे वक्त में भी उम्मीद ना छोड़ पाया
क़िस्मत से मिला हुआ कोई छिन ना सका हमसे
यह भी सही कहा है किसी ने
जो तेरा है वो तेरा ही रहेगा
आना जाना तो लगा रहेगा