आइना
आइना
मैंने पूछा आइने से क्या बात है
आज तुम बड़े खुश लग रहे हो
जवाब आया में तो तेरी परछाईं हूँ
तुझ से कैसे छुपाऊँ दिल की बातें
फ़ुरसत में आए हो तो बता दे क्या है राज की बातें
ठहरो सखी कोई सुन लेगा दीवारों के भी कान होते है
सखी ने कहा आज मौसम बड़ा सुहाना है
चलो एक कप चाई के साथ शुरू करे यह शाम की बातें
बैठ गयी सीट लगाए शाम तो कट गयी
रात कब हुई पता नहीं चला
आइना कब बन गया मेरा सच्चा दोस्त
पता ही ना चला।