बढ़ा रंगीन उभरा था आज पानी पे बुलबुला, बचाता भी इसे कैसे किसी पल तो मिटना था। बढ़ा रंगीन उभरा था आज पानी पे बुलबुला, बचाता भी इसे कैसे किसी पल तो मिटना था।
खुद को झोंकना पड़ता है जनाब, तभी तो सच होते हैं ख्वाब। खुद को झोंकना पड़ता है जनाब, तभी तो सच होते हैं ख्वाब।
मेरा प्यार का रिश्ता उन से, बस बड़ा गहरा सा है।। मेरा प्यार का रिश्ता उन से, बस बड़ा गहरा सा है।।
जब मैं कहता हूँ अच्छा हूँ। जब मैं कहता हूँ अच्छा हूँ।
अक्सर सबको कर लेता है काबू जिसकी जबान में प्यार होता है। अक्सर सबको कर लेता है काबू जिसकी जबान में प्यार होता है।
कितना सच्चा, रंग प्रीत का होता। जिसको कोई तोड़ नहीं है पाता। कितना सच्चा, रंग प्रीत का होता। जिसको कोई तोड़ नहीं है पाता।