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Sunil Gupta teacher

Inspirational

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Sunil Gupta teacher

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जीवन की सीख

जीवन की सीख

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सिरा-सिरा के खाव रे भैया,

 सिरा-सिरा के खाओ।

  ताती-ताती खाबो छोड़ो,

   नहीं भारी पछताव।।

   रे भैया...


 रहो जमीन, जमीन ही देखो,

   काहे गगन उड़ाव।

  जितनी तुम्हरी चादर भैया,

    उतईं पांव फैलाव।।

  रे भैया...


सोच समझ के चाल चलो तुम,

   नहीं भारी पछताव।

   जो न संभले समय पे भैया,

   सिर धुन के पछताव।।

  रे भैया ...


आये काय के लाने भैया,

   मन काहे में लगाव।

  मन की मानी करना छोड़ो,

   हरि से प्रीत लगाव।।

  रे भैया ...


 सात पीढ़ी की चिंता करने,

  तन काहे को सुखाव।

 करम सभी है अलग जनन के,

  जो वोहो सो पाव।।

   रे भैया...



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