गीत खुशी के गांएगें
गीत खुशी के गांएगें
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क्षमा,दया, करूणा जहाँ बसी हो
हम ऐसी दुनियाँ बसाएंगें
प्रेम- मैत्री से रहे जहाँ पर
हम खुशी के गीत गाएंगे ।।
दुर्भावना रहे न दिल में
शुद्दता हृदय में लाएंगे
एक-दुजे के सहयोग से यारों
बस आगे बढ़ते जाएंगे।।
कर्म बनेगा धर्म हमारा
उसी के गुण सब गाएंगे
धर्म- जाति का भेद न होगा
मानवता धर्म अपनाएंगे।।