STORYMIRROR

Pooja Kalsariya

Inspirational

4  

Pooja Kalsariya

Inspirational

शिक्षकों को समर्पित कविता ।

शिक्षकों को समर्पित कविता ।

1 min
504

शिक्षक की गोद में उत्थान पलता है

जहां सारा शिक्षक के पीछे चलता है 

शिक्षक का बोया पेड़ बनता है 

हजारों बीज वही पेड़ जनता है 

काल की गति को शिक्षक मोड़ सकता है 

शिक्षक धरा से अम्बर को जोड़ सकता है 

शिक्षक की महिमा महान होती है 

शिक्षक बिन अधूरी वसुन्धरा रहती है 

याद रखो चाणक्य ने इतिहास बना डाला था 

क्रूर मगध राजा को मिट्टी में मिला डाला था 

बालक चन्द्रगुप्त को चक्रवर्ती सम्राट बनाया था 

एक शिक्षक ने अपना लोहा मनवाया था 

संदीपनी से गुरु सदियों से होते आये है 

कृष्ण जैसे नन्हे नन्हे बीज बोते आये हैं 

शिक्षक से ही अर्जुन और युधिष्ठिर जैसे नाम है 

शिक्षक की निंदा करने से दुर्योधन बदनाम है 

शिक्षक की ही दया दृष्टि से बालक राम बन जाते है 

शिक्षक की अनदेखी से वो रावण भी कहलाते है 

हम सब ने भी शिक्षक बनने का सुअवसर पाया है 

बहुत बड़ी जिम्मेदारी को हमने गले लगाया है 

आओ हम संकल्प करे की अपना फर्ज निभायेंगे 

अपने प्यारे भारत को हम जगत गुरु बनायेंगे 

अपने शिक्षक होने का हर पल अभिमान करेंगे 

इस समाज में हम भी अपना शिक्षा दान करेंगे।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational