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Pooja Kalsariya

Inspirational Others

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Pooja Kalsariya

Inspirational Others

संभल जाओ ऐ दुनिया वालो

संभल जाओ ऐ दुनिया वालो

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संभल जाओ ऐ दुनिया वालों

वसुंधरा पे करो घातक प्रहार नहीं! 

रब करता आगाह हर पल 

प्रकृति पर करो घोर अत्याचार नहीं!! 


लगा बारूद पहाड़, पर्वत उड़ाए 

स्थल रमणीय सघन रहा नहीं! 

खोद रहा खुद इंसान कब्र अपनी 

जैसे जीवन की अब परवाह नहीं!!


लुप्त हुए अब झील और झरने

वन्य जीवों को मिला मुकाम नहीं! 

मिटा रहा खुद जीवन के अवयव 

धरा पर बचा जीव का आधार नहीं !! 


नष्ट किये हमने हरे भरे वृक्ष, लताएँ 

दिखे कहीं हरियाली का अब नाम नहीं!

लहलहाते थे कभी वृक्ष हर आँगन में 

बचा शेष उन गलियारों का श्रृंगार नहीं!!


कहाँ गए हंस और कोयल, 

गोरैया गौ माता का घरों में स्थान रहा नहीं ! 

जहाँ बहती थी कभी दूध की नदिया 

कुंए, नलकूपों में जल का नाम नहीं !!


तबाह हो रहा सब कुछ निशदिन 

आनंद के आलावा कुछ याद नहीं

नित नए साधन की खोज में 

पर्यावरण का किसी को रहा ध्यान नहीं!!


विलासिता से शिथिलता खरीदी 

करता ईश पर कोई विश्वास नहीं!  

भूल गए पाठ सब रामायण गीता के, 

कुरान, बाइबिल किसी को याद नहीं !!


त्याग रहे नित संस्कार अपने 

बुजुर्गों को मिलता सम्मान नहीं! 

देवों की इस पावन धरती पर 

बचा धर्म-कर्म का अब नाम नहीं!!


संभल जाओ ऐ दुनिया वालों 

वसुंधरा पे करो घातक प्रहार नहीं! 

रब करता आगाह हर पल

प्रकृति पर करो घोर अत्याचार नहीं!!                  



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