मेरे श्याम
मेरे श्याम
कैसे सुनाऊँ आपको
कृपा रहमतों की कहानी
रास्ते से उठा कर आपने
संवार दी मेरी जिंदगी
नहीं तो क्या थी हस्ती मेरी
सिर्फ एक बहता पानी
आपने संभाला है मुझे
ये है आपकी मेहरबानी
न मुश्किलें कम थी
न हौसले बड़े थे
पर हर कदम पर साथ
तुम खड़े थे मेरे कन्हैया।
