हम
हम
अकेले हम बूँद हैं,
मिल जाएं तो सागर हैं।
अकेले हम धागा हैं,
मिल जाएं तो चादर हैं।
अकेले हम कागज हैं,
मिल जाएं तो किताब हैं।
जीवन का आनन्द मिलजुल कर
रहने में ही है।
अकेले हम बूँद हैं,
मिल जाएं तो सागर हैं।
अकेले हम धागा हैं,
मिल जाएं तो चादर हैं।
अकेले हम कागज हैं,
मिल जाएं तो किताब हैं।
जीवन का आनन्द मिलजुल कर
रहने में ही है।