अंधेरे की जरूरत
अंधेरे की जरूरत
तारों को देखकर हमने जाना
वो रौशन तो दिन में भी होते हैं,
मगर नज़रों में हमारे आने के लिए,
रात के अंधेरों से मुस्कुरा कर गुजर जाते हैं।
ऐसी ही फ़ितरत कुछ - कुछ है जिन्दगी की
इम्तिहानों की गर्दिशें निखार देती हैं।
अंधेरा कितना भी गहरा क्यों ना हो,
चमकते हुए किरदार दूर से भी
निगाहों को रौशनी से भर जाते हैं।