जी हाँ, ये भ्रष्टाचार है
जी हाँ, ये भ्रष्टाचार है
भयंकर होता जा रहा जिसका आकार है
काला धन संचय करने वाला ये साहूकार है
जिसके प्रभाव में छोटा - बड़ा व्यापार है
जी हाँ, यही भ्रष्टाचार है।
जिसकी मार से रोता गरीब और लाचार है
ईमानदारी का गला घोंट बनाता उन्हें गद्दार है
मेहनतकशों को लूट भरता अपना घर - बार है,
जी हाँ, यही तो भ्रष्टाचार है।
दफ़्तर से लेकर विद्यालयों तक जिसका प्रचार है
जिसके असर से अछूता ना मिडिया ना समाचार है
अत्यधिक धन के लालच का बढ़ाता कतार है
जी हाँ, यही भ्रष्टाचार है।
मजदूरों, बेबसों को लूटकर चलता जिसका बाजार है
टैक्स जमा करने वालों का जो छीनता अधिकार है
जिसके आधार का आधार ही अंधकार है
जी हाँ, यही भ्रष्टाचार है।
जिससे मिलने वाले ऐशोआराम का हर कोई बीमार है
जो अनसुना करता जरूरतमंदों की चीख - पुकार है
जिसके भौतिक सुख के चाह का ना आर - ना पर है
जी हाँ, यही तो भ्र्ष्टाचार है।
