दुःख में लिखी कविताएं होती हैं मौन प्रार्थनाएं
दुःख में लिखी कविताएं होती हैं मौन प्रार्थनाएं
पढ़ते हैं हम जब कभी
दुःख भरी, शोक भरी कविता
तो हम स्पर्श करते हैं
किसी दुखी हृदय की
आँखों से अनायास ही छलक पड़े अश्रुओं को,
जो कभी उसके स्वयं के,
कभी किसी और के अश्रुओं के प्रतिबिंब होते हैं,
शब्दों की नमी स्पर्श करती है
हृदय तल को,
दुःख में लिखी कविताएं
होती हैं संजीवनी की भांति,
हर लेती हैं
शोक संतप्त हृदय की पीड़ा
ये कविताएं
होती हैं मौन प्रार्थनाएं,
जो लिखित रूप से
होती हैं
ईश्वर के नाम,
और
पढ़ने वाला आत्मसात
करता है जब इस पीड़ा को,
अनायास उसकी आँखों से बहते
अश्रुओं से,
गहरा और गहरा होता जाता है,
लिखावट का रंग
और
चाह कर भी नहीं
अनदेखा कर पाता है ,ईश्वर
इस मौन प्रार्थना को,
सुनो,
जब कभी अंधकार गहराये
न घबराना
तुम धीरज रखना
और
लिखना
मौन प्रार्थना
ईश्वर के नाम।"
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