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हरि शंकर गोयल "श्री हरि"

Comedy Inspirational Others

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हरि शंकर गोयल "श्री हरि"

Comedy Inspirational Others

नया दिन

नया दिन

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हर रोज एक नया दिन , नया ड्रामा 

हर रोज एक नया झूठ, नया हंगामा 

हर रोज कुछ नया करने की चाह में 

नित नये प्रयोग कर सुर्खियां बटोर रहे हैं 

आधे से ज्यादा कट्टर ईमानदार लोग तो 

जेल से सरकार चलाने का दावा कर रहे हैं 

धूर्तता की किरण में मक्कारी की चहचहाहट 

हर दिन एक नई गाली आरोपों की नई आहट 

झूठ भी अब तंग आ गया है गाली थक गई है

भ्रष्टाचार की खिचड़ी अब शायद पक गई है 

चोरों में आजकल बड़ा गजब का ट्रेंड चल रहा है 

एक चोर को बचाने पूरा काफिला निकल रहा है 

नई तरह की राजनीति ने नये कीर्तिमान बनाए हैं 

जनता को मुफ्त के माल के सपने हजारों दिखाए हैं 

श्री हरि 



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