जमाना
जमाना
जमाने को थी एक दिक्कत खास
आती नहीं थी मेरी आवारगी रास
बदला लेने को उसने आज
लेकर मेरे अपनों का साथ
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एक साजिश रच डाली
कम्बख्तों ने मेरी शादी कर डाली ।
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पर मालूम नहीं एक बात उन्हें
क्या कर पाएंगे कैद मुझे ?
एक गलती कर डाली
मिल गई मुझे जिन्दा दिलवाली
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अब मुझे देते है गाली
..
थी जेब मेरी कभी खाली
लेकिन पत्नी अब पैसों वाली
वो है इतनी भोली भाली
कि चाहे मै रोज मनाऊं दीवाली
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अब मुझे देते है गाली
..
सब खुश रहो , आबाद रहो
इस जमाने की ना आड़ करो
इसका काम यही खाली
करता है सबकी निगरानी ।