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VIKASH YADAV

Romance

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VIKASH YADAV

Romance

गुलाब

गुलाब

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गुलाब का सफर

कांटो का शहर

दर्द बेइंतहा

फिर भी बेखबर


प्यार का सबब

यादों का असर

दूरियां घटा दे

प्रेमियों का इत्र


बंधन का रूपक

पलकों को छूकर

सुंदर सी महक

वादों का सूत्र


सपने हो या ख्वाब

इश्क़ का ये राग

प्यार की परिभाषा

ऐसा है गुलाब।


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