रूमानी सा...
रूमानी सा...
(1).
अतृप्त अनछुआ रेशमी एहसास
ओस की बूँदों सा है तुम्हारा प्यार।
(2).
खुश हो जाती हूँ अगर
नाम ले कर उसका
अब इतना सा जो हक़ है
वो ना छीनों मुझसे
(3).
नींद में उनके ख्वाब, ख्वाबों में उनका साथ,
साथ से चढ़ता सुरूर
बिना पिए ही हम मदहोश रहते हैं, इसमें
हमारा क्या कसूर
(4).
क्यों तुम आज भी उतने ही शातिर चोर हो
सिर्फ एक नज़र में दिल से धड़कनें चुरा लेते हो।
(5).
सुनो ना,
कर दिया करो कुछ तारीफे झूठे ही
सुना है,
इस तरह के झूठ से पाप नही लगता
(6).
सुनो 'जाना' इतने करीब से मत चाहों
कि जिस्मों की चाहते अंगड़ाई लेने लगे
घायल किया है तुम्हारी आँखों के खंजर से
तुम्हारे होठों के अमृत से जिला दो मुझको
खिल रही है प्यार की कोपल दिल में हमारे
तुमने बरस कर प्यार का मौसम जगा दिया
ए शमा तेरी रूप की तपिश में मुझे जलने दे
या मेरे प्यार का आलिंगन स्वीकार कर ले ।
तेरी बाँहों में बिखरने की ख्वाहिश है सनम
आज तुम्हें गुस्ताखियाँ करने की इजाज़त है
डूबा हूँ तेरे इश्क के दरिया में, साहिल की है चाहत नही
आज सैलाब को बाँहो में सिमटने की इजाज़त दे दो
प्यास इस कदर है कि दरिया से भी ना बुझ पाएगी
हुस्न इज़ाज़त दे अगर तो पी लूँ चंद जाम अधरों के
(7).
तेरी आँखों से मेरी आँखें कह रही हैं
अब लबों से लबों को बात करने दो
(8)
क्या अदाएँ है हुस्न वालों की
चूम लो होठों को , यह
पैगाम भी निगाहों से देते है
(9).
ताउम्र प्यार का बस यही मंजर रहे
बाँहों में तुम रहो दिल मे खुशियाँ रहें
(10).
प्यार जताने के लिए फूल गुलाब का हो जरूरी नहीं
तुम्हारे प्यार के एहसासों का गुलदस्ता बहुत है।

